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स्वर्ण द्वार के दरवज्जे के अंदर अमृतसर से :गुरु साहब के पावित्र्य से संसिक्त नगरी अमृतसर एक विहंगावलोकन सरसरी दृष्टि

  स्वर्ण द्वार के दरवज्जे के अंदर  अमृतसर  से :गुरु साहब के पावित्र्य से संसिक्त नगरी अमृतसर एक विहंगावलोकन सरसरी दृष्टि  केंटन मिशिगन से मेरे गुरुसमान प्रियवर श्री हरचरणजी ने पूछा है :हाउ आर दी वाइब्स इन दी गोल्डन टेंपल एन्ड दी सेक्रेड सिटी ?सवाल गुरमुखी है ज़वाब सब्जेक्टिव रहेगा। जिन खोजा तीन पाइयाँ गहरे पानी पैठ। जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी  तीन तैसी।जिसका जैसा भांडा .....वैसी गुरु की महर ...  कहते हैं ये पावित्र्य में भीगा स्थान जिसे आज स्वर्णमंदिर के रूप में जाना जाता है "रामपुर -चक गाँव" के रूप में बादशाह अकबर ने गुरुअमरदास जी की बेटी के ब्याह के वक्त दहेज़ में दिया था। जिसे पहले गुरु अमरदास जी के दामाद गुरुरामदास ने बाद में गुरुअरजन देव जी ने विकसित करवाया अपने अहर्निस अनथक प्रयास से। पहले इसे "रामसर" और फिर बाद में अमृतसर के रूप में जाना गया।  इसके  गिर्द आज एक निरंतर बने रहने वाला आध्यात्मिक स्पंदन मौजूद है जिसके आगोश में जलियांवाला बाग़ भी है तो श्रीगुरद्वारा प्रबंधक समिति द्वारा संचालित "सारागढ़ी सराय दरबारा साहब सचखंड अमृतसर"विश्राम गृह  भी

Facebook twitter wp Email affiliates Guru Nanak Dev Ji Biography: सिखों के पहले गुरु नानक देव, जिन्होंने बदला सामाजिक ताना-बाना

Author:  Rajat Singh Publish Date: Sun, 10 Nov 2019 04:15 PM (IST) Updated Date: Tue, 12 Nov 2019 09:17 AM (IST) Guru Nanak Dev Ji Biography गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरु थे। उनकी जयंती प्रकाश पर्व या गुरु पर्व के रूप में मनाई जाती है। Guru Nanak Dev Ji Biography: नई दिल्ली,जेएनएन।  गुरु नानक देव सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरु थे। उनकी जयंती प्रकाश पर्व या गुरु पर्व के रूप में मनाई जाती है। नानक जी का जन्म पाकिस्तान (पंजाब) में रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी नामक गांव में हुआ था। 1469 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन इनका जन्म हुआ था। इस दिन को सिख धर्म में काफी उल्लास के साथ मनाया जाता है। इनका जन्म पिता कल्याण या मेहता कालू जी और मां तृप्ती देवी के घर हुआ। नानक जी ने हिंदू परिवार में जन्म लिया था। सिख धर्म में मान्यता है कि बचपन से ही नानक देव जी विशेष शक्तियों के धनी थे। उन्हें अपनी बहन नानकी से काफी कुछ सीखने को मिला। 16 वर्ष की ही आयु में ही इनकी शादी सुलक्खनी से हो गई। सुलक्खनी पंजाब के (भारत) गुरदासपुर जिले के लाखौकी की रहने वाली थीं। इनके दो प