राम गयो रावनु गयो जाको बहुपरवार ,
इह मारग संसार को नानक थिरु नही कोइ।
नौवें गुरु नानक कहते हैं राम पुण्य के प्रतीक हैं और रावण पाप के। दोनों का कुनबा माया का ही कुनबा है ,इन इन्द्रियों को दोनों के ही पार जाना है। कुंजी है वाहगुरु /राम / के किसी भी नाम का का सिमरन। जो इन्द्रियों को माया की पकड़ से मुक्त करवा सकता है।
इह मारग संसार को नानक थिरु नही कोइ।
नौवें गुरु नानक कहते हैं राम पुण्य के प्रतीक हैं और रावण पाप के। दोनों का कुनबा माया का ही कुनबा है ,इन इन्द्रियों को दोनों के ही पार जाना है। कुंजी है वाहगुरु /राम / के किसी भी नाम का का सिमरन। जो इन्द्रियों को माया की पकड़ से मुक्त करवा सकता है।
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