राम नामु उरि मै गहियो जाकै सम नही कोइ ,
जिह सिमरत संकट मिटै दरसु तुहारो होइ।
हृदय में वही चीज़ उतरती है जिससे प्रेम हो। मस्तिष्क तक तो बहुत सी चीज़ आ जाती हैं। राम नाम से प्रीती ऐसी हो जो हृदय में जगह बना ले बस जाए। जब तक मैं उसे याद रखूँ सांस की धौंकनी चलती रहे उसे भूलूँ , मर जाऊँ।
शीशा ए दिल में बसी तस्वीरें यार जब ज़रा गर्दन झुकाई देख ली।
सिमरन से मेरे सब दुखों का नाश हो गया है। अब मुझे उस प्रभु दर्शन भी होवेंगे।
जिह सिमरत संकट मिटै दरसु तुहारो होइ।
हृदय में वही चीज़ उतरती है जिससे प्रेम हो। मस्तिष्क तक तो बहुत सी चीज़ आ जाती हैं। राम नाम से प्रीती ऐसी हो जो हृदय में जगह बना ले बस जाए। जब तक मैं उसे याद रखूँ सांस की धौंकनी चलती रहे उसे भूलूँ , मर जाऊँ।
शीशा ए दिल में बसी तस्वीरें यार जब ज़रा गर्दन झुकाई देख ली।
सिमरन से मेरे सब दुखों का नाश हो गया है। अब मुझे उस प्रभु दर्शन भी होवेंगे।
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